भक्ति की महिमा
कांता बजाज
छ. संभाजी नगर
(औरंगाबाद – महाराष्ट्र)
ज्ञान के माध्यम से भक्ति अर्जित की जा सकती हैं। संतो के संग से ही माँ शबरी में भक्ति आई और भक्ति के माध्यम से ही उन्होंने भगवान को अपने झूठे बेर खिला दिए। माँ शबरी की तरह धैर्य रख कर, निश्चित ही हम प्रभु को पा सकेंगे। भक्ति के प्रभाव से ही मीरा जी ने राजमहल छोड़ दिया। विष भी उनके लिए अमृत हो गया। जनाबाई जी की भक्ति के प्रताप से ओपलो में से भी भगवान का नाम सुनाई देने लगा।
गुरु के मार्गदर्शन और दिखाए रस्ते से ही जीवन में भक्ति और ज्ञान अर्जन हो पाता है।
आपकी कृपा से माँ, परिवार के विचारो में परिवर्तन, भगवान को पाने की लालसा और सत्य मार्ग पर चलने का प्रयास बना रहे, ऐसी कृपा बनाए रखिएगा।।
धन्यवाद माँ |